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दर्द-ए-मोहब्बत……

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alone0if[1]दर्द-ए-मोहब्बत के मारों के,
सारे सहारे डूब गए,
कल डूबी थी कश्ती अपनी,
आज किनारे डूब गए…….!

……………………………

दिल वालों की चाहत देखो,
दिल वालों की हिम्मत देखो,
दिल के सहारे चल निकले थे,
दिल के सहारे डूब गए…….!!

……………………………

कश्ती भी कुछ काम न आई,
मौत भी चाहत की न मिली,
जो आये थे पार लगाने,
साथ हमारे डूब गए…….!!!

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