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गुदड़ी के लाल……

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manmohan[1]
वैसे तो केंद्र में सरकार युपीऐ की है, पर बहुत से लोग उसे कांग्रेस की ही मानते हैं, कांग्रेस के इलावा, बाकि सब तो वहां समर्थन देने के लिए हैं, उसमें भी, इसकी समर्थक पार्टियों का समर्थन भी कमाल का है, जहाँ एक और वे कांग्रेस की सरकार का समर्थन तो करते हैं, लेकिन दूसरी और कांग्रेस की नीतियों का विरोध करना उनकी फितरत है, इसे कूटनीति तो बोला जा सकता है, क्या मर्दानगी भी कहा जा सकता है……. कभी जया बच्चन ने भी यही कहा था, कि केंद्र सरकार में मर्दों की कमी है, वैसे इस देश में और भी बहुत से लोगों का यही विचार है कि राजनीति में मर्दों की कमी है. जया जी के इस वक्तव्य से स्त्री विमर्श करने वाले भी खुश हो सकते हैं, उन्हें सेमिनार के लिए एक और विषय जो मिल गया, राजनीति में से कभी-कभी कितने काम की चीज़ निकल आती है….है कि नहीं….. हमारे एक कांग्रेसी मित्र जया जी के इस कथन से सहमत नहीं हैं, वो मानते हैं कि ये बात कहते समय जया ने चश्मा नहीं लगा रखा होगा, क्योंकि फिल्म वालों को चश्मे से ज्यादा गोगल पसंद होता है, वे तो घर के अन्दर, और रात को भी गोगल लगाये रहते हैं, अब कांग्रेसी मित्र का तर्क है कि अगर उन्होंने चश्मा लगाया होता तो उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की, पगड़ी, दाड़ी और मूंछ दिख गयी होती…… rahulखैर, इस पगड़ी, दाड़ी और मूंछ के इलावा एक पहचान और होती है मर्दानेपन की, और वो है आवाज़..! आवाज़ के आधार पर इस बयान को आँका जाये तो, जया जी ने बिल्कुल गलत नहीं कहा, क्योंकि देश की सबसे मर्दाना आवाज़ केंद्र सरकार में नहीं, जया बच्चन के घर में है, ‘अमिताभ बच्चन’ अगर आपको, मनमोहन सिंह और अमिताभ बच्चन की आवाजें आँख बंद कर के सुनाई जायें, तो आप किसे मर्दाना कहेंगे? एक समय अमिताभ बच्चन भी कांग्रेस में हुआ करते थे, फिर उन्होंने पार्टी छोड़ दी…क्या केंद्र में मर्दों की कमी तभी से शुरू हुई थी, अमिताभ ने कांग्रेस क्यों छोड़ी? इसका साफ़-साफ़ कारण किसी को नहीं पता….या शायद किसी बड़े ज्योत्षी ने बोल दिया हो, ‘कांग्रेस को छोड़ दो, उसका मंगल तुम्हारे लिए भारी है’ लेकिन एक बात तो माननी पड़ेगी…..की फिल्म लाइन में अमिताभ जैसा मर्द आज तक नहीं आया, कुछ लोग फिल्म में दिखाई मर्दानगी को नाटक कह कर खारिज कर देंगे, तो क्या ऐसा नाटक, राजनीति में नहीं होता, क्या देश में पनप रही अराजकता और आतंकवाद इस नाटक के प्रमाण के तौर पर मौजूद नहीं हैं? जया जी का ये कहना कि केंद्र सरकार में मर्दों की कमी है, यह बोल कर उन्होंने देश पर बहुत बड़ा उपकार किया है, शायद अब जनता को पता चल जाये कि ‘राजनीति में मर्द’ किसको कहते हैं……….??????

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